Saturday 22 April 2017

आने वाले कल को बचाने के लिए..

आने वाले कल को बचाने के लिए हम सब को पहल करनी होगी। हर साल 22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश पृथ्वी दिवस मानते हैं, लेकिन फिस भी धरती का तापमान लगातार पढ़ रहा है। हर साल प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं, और पीने की पानी की समस्या बढ़ रही है।महानगरों में पदूषण से लगातार नई बीमारियां हो रही है। अगर जल्द इस बारे में सोचा नहीं गया तो आने वाला कल खतरे में पड़ सकता है। आरके पचौरी का लेख गरमाता पर्यावरण और हमारी पृथ्वी लेख ने पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर आकषित किया था। बाद में उन्हें इसी लेख पर संयुक्त रुप से नोबल पुरस्कार भी मिला था। धरती का एक डिग्री तापमान बढ़ने से कई जल स्रोत सूख जाते हैं।